Friday 31 August 2018

बदलते रिश्ते

क्यों हो जाते हैं अपने कभी पराये
ऐसा लगता है गैरों के घर चले आए।
क्यों दर्द सा दिल में कुछ चुभता है
इन आँखों से बहता पानी, क्यों गालों को चुमता है।
माना हो सकती है गलती फीर भी
क्या कोई गलती पे रिश्ता तोड़ देता है।
हमें मालूम नहीं क्यों जी रहे हैं
क्यों इस गम को अकेले पी रहे हैं।
             रश्मि Nikki

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