Thursday 14 February 2019

नपुंसक
रोली ने आज फिर अपने ही कमाये पैसे पति से मागें तो  उसपर बहुत चिल्लाने लगा और हाँथ भी उठाया।रोली आज कुछ विचलीत थी उसे फैसला लेना ही होगा।पति रमेश खुद कमाता नहीं सिर्फ उसके पैसों पर मौज करता हैं,दोस्तों के साथ शराब पीता है।बदले में मुझे मार, गाली,बच्चे आगे क्या सिखेंगे, नहीं नहीं मुझे नहीं रहना अब इस "नपुंसक" के साथ "जो तन से नहीं मन से नपुंसक हैं"।रोली फैसला ले चुकी एक नयी मंजिल की तरफ कदम बढ़ाने की।उसने आँसु पोछें और चल दी एक नयी रोशनी नये उत्साह के साथ,नहीं जीना मुझे इस नपुंसक के साथ।

नपुंसक रोली ने आज फिर अपने ही कमाये पैसे पति से मागें तो  उसपर बहुत चिल्लाने लगा और हाँथ भी उठाया।रोली आज कुछ विचलीत थी उसे फैसला लेना ही ...