Thursday, 27 September 2018

मुलाकात तो होगी

बात तो होगी हाँ इकरार तो होगी
पर न जाने कब वो मुलाकात तो होगी
एक -एक लम्हा बित रहा कैसे क्या बताऊँ
न जाने कब वो  बहारें शाम तो होगी
यकीं है हमें याद आएगी उन्हें भी हमारी
पर न जाने कब वो रात तो होगी
 बात तो होगी हाँ इकरार तो होगी
पर न जाने कब वो मुलाकात तो होगी

तुम ही हो

मेरी जिंदगी की हर मुस्कान तुम हो
मेरी जिंदगी की हर साँस तुम हो
तुम नहीं तो हम भी कुछ नहीं
मेरी जिंदगी की हर राजदार तुम हो
तुम से कोई शिकवे भी कर लुं
तुम से हर शिकायत भी कर लुं
मेरी जिंदगी की हर बहार तुम हो
मेरी जिंदगी की हर मुस्कान तुम हो
हाँ तुम ही हो बस तुम ही हो

Wednesday, 26 September 2018

रुठ कर दूर न हो जाए

ठहर जाती हैं निगाहें राह में तुम्हें देख कर
झुक जाती हैं नजरें तुम्हें सामने पाकर
कैसे कहुँ न रह पाऊं बिना देखें भी
और देख भी न पाऊं तुम्हें एक नजर भी
काँप जाता हूं कहीं गुस्ताखी न कोई हो जाए
वो कहीं रूठ कर हाँ रुठ कर दूर न हो जाए

Sunday, 23 September 2018

कुछ दिल में चुभता है
कुछ आँखों से बहता है।
हाँ इक दर्द है जो
किसी से भी नहीं छुपता है।
नम आंखों में सब दिखता है
ऐ दिल तु कितना भी
छुपा ले अपनों से कहाँ छिपता है।
एक खामोशी कि दिवार है पर
फिर भी दर्द आँखो से छलकता है।
कुछ दिल में चुभता है
कुछ आँखों से बहता है।


Friday, 7 September 2018

बहुत है


ख्वाहिशे बहुत है
शिकायतें भी बहुत है
कैसे कहुँ हाँ मोहब्बतें भी बहुत है।
भुल जाए ये मुमकिन नहीं
क्योंकि इस दिल को तेरी आदतें बहुत है।

नपुंसक रोली ने आज फिर अपने ही कमाये पैसे पति से मागें तो  उसपर बहुत चिल्लाने लगा और हाँथ भी उठाया।रोली आज कुछ विचलीत थी उसे फैसला लेना ही ...