Thursday 5 July 2018

मोहबब्त

ना कोई शीकवा ना कोई शीकायत होगी
आज की रात तो बस महोबबत होगी
आखों मे तेरे शरारत सी है
दिल मे तेरे कुछ हरारत सी  है
सभालो इसे कुछ कर गुजर ना जाए
आज की रात तो कूछ कयामत सी होगी
ना कोई शीकवा ना कोई शीकायत होगी


                          रशमी Nikki

1 comment:

नपुंसक रोली ने आज फिर अपने ही कमाये पैसे पति से मागें तो  उसपर बहुत चिल्लाने लगा और हाँथ भी उठाया।रोली आज कुछ विचलीत थी उसे फैसला लेना ही ...